Ranchi : सरायकेला-खरसावां जिले की आदिवासी भूमि की वापसी के 6 मामले मंत्री चंपई सोरेन के न्यायालय में हस्तांतरण किये गये हैं. इन मामले में जल्द सुनवाई होने की संभावना है. आदिवासी भूमि पर चल रहीं इन 6 कंपनियों की भूमि वापसी का मामला उपायुक्तों और प्रमंडलीय आयुक्तों के न्यायालय में चल रहा था.
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रैयतों के लिए राहत भरी खबर
सरायकेला-खरसावां जिला के रैयतों के लिए ये राहत भरी खबर है. जिले की इन 6 कंपनियों में शामिल हैं- मेसर्स एस.पी.जी. इंटरप्राइजेज, मेसर्स आतीशान फूड प्रोसेसिंग उद्योग प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एम.के. इंजीनियरिंग, मेसर्स कृतिका इंटरप्राइजेज ,भारत ऑटोमोबाइल प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स भगवती ऑटोमोबाइल कंपनियां.
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हजारों मामले लंबित हैं राज्य में
राज्य में सीएनटी-एसपीटी जैसे मजबूत कानून होने के बावजूद गैर-आदिवासियों के बीच आदिवासी भूमि के अवैध हस्तांतरण के हजारों मामले लंबित हैं. दूसरी ओर आदिवासी रैयत सीएनटी एक्ट धारा 49 (5) के तहत अपनी खतियानी भूमि वापसी के दशकों से कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहे हैं. हेमंत सरकार ने आदिवासी भूमि वापसी के वैसे मामले जो उपायुक्त और प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष चल रहे है वैसे सभी मामले को (सीएनटी एक्ट धारा 49 (5) के सभी वादों को) हस्तांतरण पीठासीन पदाधिकारी मंत्री चंपई सोरेन के न्यायालय में करने का निर्णय लिया था. इस संबंध में सरकार की ओर से सभी उपायुक्तों और प्रमंडलीय आयुक्तों को पत्र लिखा गया था.