सेमेस्टर अलग, मगर कमरा एक ही,ऐसा है रांची विश्वविद्यालय का हाल
राज्य के विश्वविद्यालयों में जनजातीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन की बात तो खूब होती है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है. मोरहाबादी स्थित रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय भाषा विभाग की व्यस्था चिंताजनक है. यहां एक ही कमरे में दो-दो क्लास चलाई जा रही हैं.
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