भोगनाडीह की घटना को लेकर आदिवासी समाज में आक्रोश, पुतला फूंका
आदिवासी नेता अशोक बराइक ने कहा,30 जून 1855 को देश में पहली बार स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी भड़की थी. उसी हुल दिवस पर सिद्धू-कान्हू को माल्यार्पण करने पहुंचे आदिवासियों पर लाठीचार्ज कर उन्हें लहूलुहान किया गया.
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