प्रियांक खरगे ने मोहन भागवत को घेरा, पूछा, RSS पंजीकृत क्यों नहीं, चंदे को लेकर पारदर्शिता कहां है
मोहन भागवत ने कल रविवार को बेंगलूरू में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि आरएसएस को व्यक्तियों के एक समूह के रूप में मान्यता मिली हुई है. दिलचस्प यह है कि उन्होंने कहा था कि आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी, तो क्या आप उम्मीद करते हैं कि हम ब्रिटिश सरकार के पास पंजीकरण कराते? सफाई दी थी कि स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने पंजीकरण करना अनिवार्य नहीं घोषित किया.
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