Chulbul
Ranchi: राजधानी में कोरोना काबू से बाहर होता जा रहा है. संक्रमण के साथ इसका खौफ भी उतना ही बढ़ रहा है. सरकार और प्रशासन ने इसे नियंत्रण में लाने के लिए कई कदम उठाये हैं. इसके तहत प्रशासन ने शहर में कई टेस्टिंग सेंटर्स की व्यवस्था की थी. अभी रांची में 16 जगहों पर कोरोना का स्टैटिक सेंटर बनाया गया है. उसमें से सदर हॉस्पिटल ही एक अकेला सेंटर है जो पूरी तरह से एक्टिव है. रोजाना यहां जांच कराने वालों की काफी लंबी लाइन लग रही है. इसके अलावा कई सेंटरों की स्थिति बदहाल है. लोग जांच करवाने आते हैं, लेकिन जांच करने वाली टीम नदारद रहती है. जब लोग कोरोना को लेकर गंभीर हो रहे हैं, तो सिस्टम गैर जिम्मेदार होता दिखाई दे रहा है.
इन जगहों पर न मेडिकल टीम का पता न सेंटर का
स्वास्थ्य विभाग ने 12 अप्रैल से जिला प्रशासन को शहरी क्षेत्र में 9 नये टेस्टिंग सेंटर खोलने का निर्देश दिया था. मंगलवार को इन 9 जगहों में से 4 में या तो सेंटर का आता-पता नहीं था या मेडिकल टीम का. दोपहर लगभग 12 बजे मारवाड़ी भवन में बनाये गये स्टैटिक सेंटर पर लोग इंतजार करते रह गये पर मेडिकल टीम काफी देर तक नहीं दिखी. डोरंडा शिव मंदिर के पास कोई सेंटर नहीं दिखा. आस-पास के लोगों को भी इसकी कोई जानकारी नहीं थी. स्टेशन रोड पर भी कोई अतिरिक्त टीम नहीं दिखी. रेलवे स्टेशन पर नियुक्त टीम ने बताया कि उस एरिया में केवल उन्हें ही नियुक्त किया गया है.
रिसालदार नगर सेंटर में अंदर टीका, बाहर संक्रमण
रिसालदार नगर एरिया में न जांच केंद्र का पता-ठिकाना है, न ही मेडिकल टीम का. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पूछने पर पता चला कि पूर्व में वहां जांच केंद्र बनाया गया था. अब कोई जांच केंद्र नहीं है. केवल लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है. हालंकि टीकाकरण की भी व्यवस्था ठीक से नहीं की गयी है. सामुदायिक केंद्र के अंदर लोगों को टीका दिया जा रहा और बाहर कोरोना बंट रहा है. वहां लोग मास्क तो पहने दिखे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं.
रांची स्टेशन पर 1 बजे के बाद नहीं होती जांच
रांची रेलवे स्टेशन पर जिला प्रशासन द्वारा फरवरी-मार्च महीने में ही मेडिकल टीम की नियुक्ति की गयी थी. मकसद था हर इंट्री प्वांइट पर यात्रियों का कोरोना टेस्ट करना. पर मंगलवार को प्रशासन की लापरवाही साफ दिखी. रेलवे स्टेशन पर सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक मेडिकल टीम तैनात थी. 1 बजे के बाद जांच की कोई व्यवस्था नहीं है. जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पूर्व तक दो टीम थी. अब केवल एक ही टीम रह गयी है. यह काफी डराने वाली बात है कि 1 बजे के बाद आने वाली किसी भी ट्रेन के यात्रियों की जांच नहीं की जा रही है.
कुछ मेडिकल टीम के मेंबर्स पॉजिटिव, बंद रहे सेंटर
कई जगहों पर मेडिकल टीम के न होने का कारण पूछने पर संबंधित अधिकारी मजिस्ट्रेट राकेश रंजन उरांव ने बताया कि मंगलवार को कई जगहों पर मेडिकल टीम नहीं थी. कुछ टीम के लोग पॉजिटिव पाये गये हैं. ऐसे में उनकी जांच और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था के लिए टीम सेंटर्स पर नहीं गयी. बुधवार से फिर से टीम पूर्व की तरह ही नियुक्त किया जाएगा.