फांसी पर लटकने वाले बैंक मैनेजर शिवशंकर मित्रा की पीड़ा को कभी समझ पाएंगे हम !
बैंक के अत्यधिक कार्य दबाव के कारण अपनी जिंदगी खत्म कर रहा हूं. मेरी बैंक से विनती है कि कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव न डाला जाए. सभी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं और अपना 100% देते हैं. मेरी पत्नी और बेटी से माफी मांगता हूं. कृपया मेरी आंखें दान कर दें.