Ranchi : राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी के डॉक्टरों पर की गई टिप्पणी के खिलाफ राज्य के चिकित्सकों ने आज काला बिल्ला लगाकर काम किया. गौरतलब है कि स्वास्थ्य सचिव ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा था कि डॉक्टर अधिक दहेज लेने के लिए पढ़ाई करते हैं या फिर उन्हें काम नहीं करना पड़े इसलिए वे इस पेशे में आते हैं. स्वास्थ्य सचिव ने यह बयान 30 दिसंबर को रांची में चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान दिया था. इस बयान से चिकित्सक समाज काफी नाराज है.
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स्वास्थ्य सचिव का बयान आपत्तिजनक – राज्य सचिव झासा
झारखंड हेल्थ स्टेट एसोसिएशन के राज्य सचिव डॉ विमलेश कुमार ने कहा कि विगत 30 दिसंबर को झारखंड के स्वास्थ्य डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने चिकित्सकों पर एक टिप्पणी किया था. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि डॉक्टर अधिक दहेज लेने के लिए पढ़ाई करते हैं या उन्हें काम नहीं करना पड़े इसलिए वह इस पेशे में आते हैं. डॉ विमलेश ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव के इस बयान का हम भर्त्सना करते हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ विभाग के गार्जियन और फैमिली हेड को ऐसा वक्तव्य नहीं देना चाहिए था. आईएमए के आह्वान पर झारखंड के लगभग 15 हजार चिकित्सक स्वास्थ्य सचिव के बयान को लेकर आज काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे हैं. स्वास्थ सचिव का वक्तव्य आपत्तिजनक है. हमारा अगला कार्यक्रम मुख्यमंत्री से मिलना है. मुख्यमंत्री को इस विषय पर विचार करते हुए कर्रवाई करने की जरूरत है.
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स्वास्थ्य सचिव के विरुद्ध कार्रवाई करें मुख्यमंत्री – डॉ अजित
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रांची के संयुक्त सचिव डॉ अजीत ने कहा कि कोविड काल में जब पूरी दुनिया चिकित्सकों का लोहा मान रही है. ऐसी परिस्थिति में स्वास्थ्य सचिव का बयान दुखद है. उनके बयान से चिकित्सक वर्ग का मन छोटा हुआ है. हम सरकार से मांग करते हैं कि चिकित्सकों को उचित सम्मान दिलाते हुए कार्रवाई करें.
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