Surjit Singh
यूपी सरकार और सत्तारुढ़ दल बीजेपी में सबकुछ ठीक चल रहा है. मेन स्ट्रीम मीडिया (टीवी व अखबार) यही बता रहे हैं. साथ में यह भी कि यूपी को लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर चालू है. कहने को तो यह छह-सात माह बाद होने वाले चुनाव को लेकर है. लेकिन अंदरखाने की खबरें यह है कि पीएम मोदी व शाह की जोड़ी को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ चुनौती दे रहे हैं. बैठकों की वजह यही है.
दो दिन पहले खबर आयी थी कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने योगी को उनके बर्थडे पर कोई संदेश नहीं दिया. जबकि इससे पहले के सालों में वो दोनों सीएम योगी को बधाई देते रहे हैं.
इस बीच 6 जून को यूपी भाजपा के द्वारा ट्वीटर पर पीएम मोदी की फोटो के बिना हुए पोस्ट ने लोगों को चौंकाया है. वह भी तब जब पोस्ट पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना “नमामी गंगे” को लेकर है. 6 जून को तीन ट्वीट हुए. तीनों ट्वीट दो घंटे के अंतराल में किये गये. किसी में भी पीएम मोदी की फोटो नहीं थी.
पहली पोस्ट 6 जून की शाम 4.00 बजे हुई. दूसरी पोस्ट शाम 6.00 बजे और तीसरी पोस्ट रात के 8.00 बजे. तीनों पोस्ट में मुख्यमंत्री योगी के अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और दिनेश शर्मा की तस्वीर है. ये तीनों ट्वीट तब हुए जब यूपी भाजपा प्रभारी राधा मोहन सिंह यूपी के राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से मिल कर दिल्ली लौट गये.
इन तीनों ट्वीट्स को लेकर यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या भाजपा ने सीएम योगी को कंट्रोल करने की शुरुआत की तो योगी ने भी मोदी की तस्वीर पोस्टर से हटा कर कड़ा संदेश दे दिया? क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जब पोस्टर से मोदी की तसवीर हटा दी गयी.
एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या पश्चिम बंगाल चुनाव और कोरोना की दूसरी लहर ने पीएम की साख को कमजोर किया है. इस कारण यूपी चुनाव से पहले पोस्टर से उनकी तसवीर हटा ली गयी. इसके साथ ही यह सवाल भी तैर रहा है कि साख तो योगी की भी कमजोर हुई है. अधिकांश विधायक उनके खिलाफ हैं. कोरोना की दूसरी लहर में सैंकड़ों शवों का एक साथ जलना और गंगा नदी में शवों के मिलने की घटना ने योगी सरकार की छवि को तार-तार तो किया ही है. यह अलग बात है कि राज्य सरकार के साथ-साथ पीएम मोदी भी इसके लिए जिम्मेदार हैं.
इस बीच एक खबर और चल रही है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत दो दिन पहले दिल्ली में थे. इस दौरान पीएम मोदी और अमित शाह की तरफ से उन्हें भोजन का न्योता दिया गया. लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य खराब रहने की बात कह कर जाने से इनकार कर दिया.
बहरहाल, अगले कुछ दिनों में सब सच सामने आ जायेगा. मोदी-शाह झुकेंगे या योगी. साथ ही आरएसएस का रूख क्या होगा, यह भी देखने को मिलेगा. वैसे एक बात गौर करने वाली है कि योगी आरएसएस से नहीं आते हैं. वह हिन्दू युवा वाहिनी से आते हैं.