एक महीने पूर्व बनाई थी सरायकेला में 5 पुलिसकर्मियों की हत्या की योजना
Ranchi: सरायकेला जिले के तरूलडीह थाना के पांच पुलिसकर्मियों की माओवादियों के द्वारा हत्या की जांच एनआईए कर रही है. इस मामले में एनआईए ने गुरुवार को एक करोड़ के इनामी अनल दा उर्फ पतिराम मांझी समेत 18 नक्सलियों पर चार्जशीट दायर किया है. एनआईए ने जिन 18 नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है उनमें, सुनील टुडू, बुधराम मार्डी, श्रीराम मांझी, नरेश लोहार, आलमबीर अंसारी, लखन सरदार, जोशेप पूर्ति, अन्नम हस्सा पूर्ति, तबरक अंसारी, मंगल टोपनो, सोयना सिंह सरदार, जितराई मुंडा, बोयदा पाहन, राकेश मुंडा, बिरसा मुंडा, महाराज प्रमाणिक, अमित मुंडा और अनल दा शामिल है.
नक्सलियों के बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमिटी के सचिव ने रची थी साजिश
एनआईए की जांच से पता चला है कि माओवादियों के अन्य नेताओं की मिलीभगत से बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमिटी, माओवादी के सदस्य और बिहार- झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी माओवादी के सचिव अनल दा उर्फ पतिराम मांझी ने साजिश रची थी. पुलिस कर्मियों पर हमले की योजना घटना से एक महीने पूर्व बनाई गई थी. घटना की जगह का पुनरावृत्ति लगभग एक महीने के लिए किया गया था और बीते 13 जून 2019 को सरायकेला जिले के अरहंजा जंगल में घटना को अंजाम देने की अंतिम योजना बनाई गई थी.
माओवादियों ने मिनट के विवरण की योजना बनाई थी और हमले के लिए बड़े स्तर पर पूर्वाभ्यास भी किया था. जांच में यह भी पता चला कि बुंडू-चांडिल सब जोन के जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में इस योजना को अंजाम दिया गया था. जिसने भाकपा माओवादी के जमीनी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भी इस हमले में माओवादियों की मदद की थी. पुलिसकर्मियों के हथियार और गोला-बारूद लूटने के लिए हमले को अंजाम दिया गया था. जिससे माओवादी संगठन को और मजबूती मिली. इस मामले में आगे की जांच जारी है.
पांच पुलिसकर्मियों की भाकपा माओवादियों के द्वारा हत्या की जांच कर रही NIA
सरायकेला-खरसांवा के तरूलडील थाना के पांच पुलिसकर्मियों की भाकपा माओवादियों के द्वारा हत्या की जांच एनआईए कर रही है. एनआईए ने इस मामले में कांड संख्या 39/2020 दर्ज कर मामले की जांच कर रही है. एनआईए ने झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके उग्रवादी कमांडर बोयदा पाहन समेत 14 उग्रवादियों को नामजद आरोपी बनाया था.
क्या है मामला
14 जून 2019 को तीरूलडीह के कुकुरूहाट बाजार में भाकपा माओवादियों ने पेट्रोलिंग करने निकली पुलिस टीम पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. वहीं हत्या के पास दो पिस्टल, 70 जिंदा कारतूस, तीन इंसास राइफल व उसकी 550 राउंड कारतूस, 10 मैगजीन, मोबाइल फोन, पुलिसकर्मियों के बैलेट माओवादियों ने लूट लिए थे. घटना को अंजाम देने के बाद भागने के क्रम में पुलिस वाहन को भी आग के हवाले कर दिया गया था. वायरलेस के जरिए थाने को सूचना न दी जा सके, इसके लिए वायरलेस भी माओवादियों ने लूट लिया था.