- कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल 130 कर्मियों को 6 महीने से नहीं मिली है सैलरी
- नियुक्ति प्रक्रिया पर ही उठ गए सवाल, सचिव ने पदाधिकारियों से मांगा जवाब
Ranchi: 6 जिलों के डीपीआरओ ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को पत्र लिखकर संविदा पर बहाल कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान जल्द करने की मांग की है. रांची, हजारीबाग, देवघर, धनबाद, पाकुड़ और गुमला के DPRO ने IPRD को पत्र भेजा है. बता दें कि कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल 130 कर्मियों को पिछले 6 महीने से वेतन नहीं मिला है. कोरोना संक्रमण के समय राज्य भर के सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की कमी हो गई है. जिला मुख्यालयों में काम कर रहे अधिकांश कर्मचारी या तो कोरोना संक्रमित हैं या फिर होम आइसोलेशन में है. ऐसे समय में समाहरणालय में संविदा पर बहाल APRP, SMPO, कंप्यूटर ऑपरेटर और रिसेप्शनिस्ट मोर्चे पर डटे हुए हैं, लेकिन अब इनका धैर्य टूटने लगा है.
हड़ताल हुआ तो समाहरणालयों का कामकाज होगा ठप
कर्मचारियों का कहना है कि आखिर बिना सैलरी जान जोखिम में डालकर हम काम क्यों करें. ये लोग अब आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं. सभी जिलों में कार्यरत संविदा कर्मियों ने अपने डीपीआरओ पर वेतन के लिए दबाव बनाया है, जिसके बाद डीपीआरओ से पत्र भेजा गया है. अपने पत्र में डीपीआरओ ने लिखा है के वेतन नहीं मिलने से संविदा कर्मी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. अगर इन लोगों ने काम छोड़ दिया तो समाहरणालय का काम पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगा.
नवंबर से बंद है सैलरी, कंपनी ने भी किये हाथ खड़े
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में बाह्य स्त्रोत एजेंसी ड्रीमलाइन टेक्नोलॉजी के माध्यम में राज्य के सभी प्रमण्डल और जिलों में सहायक जनसंपर्क अधिकारी, सोशल मीडिया पब्लिसिटी ऑफिसर, साउंड ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर और रिसेप्शनिस्ट की नियुक्ति की गयी है. 130 कर्मियों का नवंबर 2020 से ही सैलरी बकाया है. एजेंसी ने हाथ खड़े कर दिये हैं. उसका कहना है कि विभाग ने अब तक पिछला बिल क्लियर नहीं किया है इस वजह से कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पा रही है.
नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाने से संविदा कर्मी हैरान
बताया जाता है कि एक डिप्टी डायरेक्टर ने दो संविदा कर्मियों के आधार कार्ड में गड़बड़ी के कारण वेतन संबंधी फाइल रोक दी थी. यहां से फाइल आगे बढ़ी तो फिर सचिव के पास रुक गई. सचिव ने विभागीय पदाधिकारियों से संविदा कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सवाल किये हैं. नियुक्ति के 2 साल बाद इस तरह से वेतन रुकने और नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठने से संविदा कर्मी हैरान हैं.