Ranchi: कोरोना पर रोकथाम के लिए 22 अप्रैल से राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह घोषित किया गया है. इसके तहत जरूरी सेवाओं के अलावा बाकी कामों पर प्रतिबंध है. जिला प्रशासन में के कार्यालयों में भी सन्नाटा पसरा है.परिवहन विभाग के कार्यालय में सबसे अधिक भीड़ लगती थी. यहां फिलहाल सिर्फ कर्मचारी ही नजर आ रहे हैं.
इसके अलावा लोग कल्याण विभाग के कार्यालय में भी अपनी पेंशन संबंधी काम के लिए पहुंचते थे. जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण बढ़ता गया लोगों ने कार्यालय जाना बंद कर दिया. अधिकारियों-पदाधिकारियों की हॉस्पिटलों और कोविड सेंटर्स में ड्यूटी लगाई गई है.
कई विभाग के पदाधिकारियों को बतौर इंसिडेंट कमांडर विभिन्न हॉस्पिटलों में नियुक्त किया गया है. इसमें सामाजिक सुरक्षा कोषांग के अधिकारी, एसी नक्सल, डीएसडब्लूओ, डीटीओ, जनशिकायत निवारण अधिकारी सहित अन्य शामिल हैं. ऐसे में विभागों की कार्य गति में 70 से 80 प्रतिशत तक की कमी आयी है.
कर्मचारियों को सता रहा संक्रमण का डर
कोरोना संक्रमण को देखते हुए समाहरणालय में होने वाले सभी काम अभी ठप हैं. आम लोग खुद कार्यालय नहीं जा रहे हैं. वहीं कर्मचारियों में भी संक्रमण का उतना ही खौफ दिख रहा है. अधिकारियों का कहना है कि परिस्थिति ऐसी है कि ऑफिस में एक न एक स्टाफ को कोरोना संक्रमित हो रहा है, या किसी के परिवार मे कोई सदस्य पॉजिटिव है. ऐसे में सबके मन मे डर बना हुआ है. हम उनपर काम का दवाब भी नहीं बना सकते हैं. वहीं सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन के तहत 50 प्रतिशत से कम स्टाफ के साथ कार्यालयों में कामकाज चल रहा है. वहीं आम दिनों में भीड़भाड़ से भरपूर दिखने वाले डीटीओ ऑफिस में भी सन्नाटा पसरा हुआ है.