Ranchi: बीजेपी के पूर्व सांसद और झारखंड बीजेपी के पहले प्रदेश अध्यक्ष दुखा भगत की कोरोना से मौत हो गई. कोरोना होने के बाद उन्हें रिम्स में भर्ती किया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. उनके निधन पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा समेत बीजेपी के कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया हैं. बीजेपी नेताओं ने दुखा भगत के निधन को झारखंड बीजेपी के लिए एक बड़ी क्षति बताया है.
सांसद संजय सेठ की पहल पर रिम्स में मिला था बेड
दुखा भगत झारखंड में बीजेपी को खड़ा करने वाले नेताओं में से एक थे. मूल रूप से लोहरदगा के रहने वाले दुखा भगत कई साल से रांची के अशोक नगर में रह रहे थे. वे अपने पीछे अपनी पत्नी, एक बेटी और तीन बेटों को छोड़ गए. दुखा भगत डायलिसिस पर थे. कोरोना संक्रमित होने के बाद कई अस्पतालों में उन्हें एडमिट करने की कोशिश की थी. लेकिन बेड नहीं मिल पायी थी. आखिरकार सांसद संजय सेठ की पहल से रिम्स में उन्हें बेड मिला, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
रामेश्वर उरांव को चुनाव में हराकर सुर्ख़ियों में आए थे
लोहरदगा में 1953 में जन्मे दुखा भगत उस समय सुर्खियों में आये थे, जब उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता और वर्तमान मंत्री रामेश्वर उरांव को लोकसभा चुनाव में हरा कर जीत हासिल की था. दुखा भगत 1999 से 2004 तक लोहरदगा के सांसद रहे थे. रांची यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी जुड़े रहे. झारखंड अलग राज्य के लिए आंदोलन में काफी सक्रिय रहे और झारखंड बनने के बाद बीजेपी के पहले प्रदेश अध्यक्ष बने. बाद में अस्वस्थ रहने के कारण वे संगठन से दूर हो गए.